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रविवार, 27 फ़रवरी 2011

नोबेल पुरस्कारों में एक भारतीय भी

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वर्ष २००९ का नोबल पुरस्कारों में चिकित्सा विज्ञान में एलिजाबेथ ब्लैक बर्न केरोल डब्लू ग्रेइदर जैक सोज टेक को सयुक्त रूप से दिया गया है इन्होने टेलोमीयर्स और उनका निर्माण करने वाले करने वाले एंजाइम टेलिमीरेज से कोशिका विभाजन के बाद टेलिमेअर्स को ह्रासीत होने से बचाने के लिए पहचानने के लिए शोध कार्य द्वारा सिध्य किया है कोसीकाओ में टेलोमेयार्स के कमजोर होने से उनकी विभाजन छमता कम हो जाती है तथा कोसिकाओ में विभाजन देर से होता है इसलिए शरीर वृद्ध हो जाता है एलिजावेथ व जैक सोज टेक ने खोज की टेलोमीयर्स में डी एन ऐ का अनोखा क्रम क्रोमोसोम को ह्रासीत होने से रोकता है कैरोल ग्रेडर व ब्लैक बर्न ने टेलोमियार्स डी एन ए का निर्मान करने वाले टेलिमिरेज एन्जाइम की पहचान की इन खोजों के द्वारा पता चला की किस तरह से क्रोमोजोम के आख़िरी सिरों की सुरछा टेलोमियार्स द्वारा की जाती है इन शोधों से कैंसर एप्लास्तीक अनीमिया बुढ़ापा त्वचा फेफड़े सम्बंदित रोगों को रोकने में लाभकारी है भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक वेंकट रमण राम कृष्णन सहित तीन वैज्ञानिको को जिसमे थामस ए स्तेत्ज तथा इजराईल के वैज्ञानिक अदा ई यो नाथ को दिया गया इन तीनो ने राइबोसोम के बारे में कई उपयोगी जान कारिया इकठी की जिनकी मदद से कई बीमारियों से बचाव के लिए एन्टीक बयोटीक बनाने में मदद मिलेगी इन्होने एक्सरे क्रिस्तोलोग्रफी तकनीक से उन लाखों परमाणुओं के आपस में जुड़ने की स्थिती का अध्यन किया जो हमारे शरीर की कोसिकायों में प्रोटीन का निर्मान करने वाले प्रोटीन निर्मान करने वाले राइबोसोम का निर्मान करते है सभी जीवो की प्रतेक कोशिका में डी एन ए अनु होते है डी एन ए अणुओं में ही वो ब्लू प्रिंट होता है जिसमे यह सूचना रहती है कोई जीव वनस्पती कैसा दिखेगा किस तरह कार्य करेगा लेकीन डी एन ए अनु निष्क्रिय होता है लेकीन रैबोसोम द्वारा पहुचाई गयी सूचना और किये गए कार्य के बाद डी एन ए अनु का ब्लू प्रिंट कार्य करने लगता है और सरीर कोसिकायों की अवसकतानुसार प्रोटीन तैयार करने लगता है जो सरीर का निर्मान करती है चाल्स केवो जरगे स्मिथ बिलियर्ड बायल को भौतिकी का नोबल पुरस्कार डिजिटल फोटोग्राफी में इस्तमाल की जाने वाली प्रौदोगीकी के निर्मान और दुनिया को फाइबर आप्टीकल से जोड़ने तथा चाच्र्द कपल्श दिवाएश (सी सी दी ) की खोज के लिए दिया गया इसकी मदद से डाटा को प्रकास के रूप में भेजने मदद हुई इससे डिजिटल फोटोग्राफी का रास्ता खुला सरजरी के लिए मानव सरीर के भीतर की तस्वीर लेना संभव हो शांती का नोबल अमेरिकी रास्त्रपती बराक ओबामा को दिया गया साहित्य का हेरत मूलर को तथा अर्थसास्त्र का इलिनार ओसत्रम तथा ओबियार विलियाम्श को दिया गया है

5 Comments:

ज्योति सिंह ने कहा…

har baar ki tarah faydemand jaankaari ,in vaiganiko ke prayas se hamari taklife door hoti hai .hum inke aabhari hai .

Learn Speaking English ने कहा…

Nice blog.

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

बढिया है, पढना शुरू किया तो फिर रुकने का मन ही नहीं हुआ। यही सच्चाई है।

Akhilesh pal blog ने कहा…

dnyvaad mahendra ji

Vivek Jain ने कहा…

बहुत-बहुत आभार ....
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

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