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गुरुवार, 28 जनवरी 2021

जीएम फसलों का विकास

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आईसीएआर और दिल्ली विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने विशिष्ट गुणों वाली जीएम फसलों का विकास किया है फसलों में विभिन्न रोगों की रोकथाम में जीन संपादन द्वारा सफलता प्राप्त करने के बाद वैज्ञानिक अब सूखा  

 चार पाला और लवण रोड़ी फसलों के विकास के साथ ही खनिज संपदा से भरपूर प्रजातियों के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं भारत में सूखा रोधी धान और सरसों की किस्मों पर जीनों के फेरबदल के प्रयोग भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और दिल्ली विश्वविद्यालय में किए जा रहे हैं पूसा में डीएम चोपड़ा और उनकी टीम ने सरसों की जय किसान नामक प्रजाति का विकास सोमैक्लोनल  वेरिएशन तकनीक
से किया सरसों की फसल सुखा रोटी और अगेती होने के कारण किसानों द्वारा पसंद की गई इसी प्रकार चेन्नई के एम एस स्वामीनाथन रिसर्च फाऊंडेशन की प्रयोगशाला में समुद्र के खारे पानी को चाहने वाले जीन को समुद्री maigro tree से अलग करके तंबाकू में सफलतापूर्वक प्रवेश किया गया  अब उसे paddy में प्रविष्ट करा दिया गया है इस प्रकार समुद्र के खारे पानी से धान पैदा होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं  भारत में कोल्ड स्टोरेज कोल्ड चीन की सुविधा की कमी और अनियमित बिजली आपूर्ति के कारण फल फूल और सब्जियों को अधिक समय तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता ऐसी स्थिति में यदि जिलों के फेरबदल से इन फसलों को अधिक देर तक टिकाऊ ताजा और सुरक्षित बना दिया जाए तो किसानों के साथ-साथ वक्ताओं को भी लाभ होगा वैज्ञानिक इस दिशा में कार्य कर रहे हैं स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने रॉकफेलर प्रतिष्ठान की सहायता से धान की गोल्डन राइस किस्म को विकसित किया है इसमें विटामिन ए पैदा करने वाला जीन डाला गया है फिलीपींस स्थित अंतरराष्ट्रीय धान अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने अधिक लोहे और जस्टिस से युक्त धान के बीजों का विकास किया है यह बी एनीमिया से ग्रस्त बच्चों और महिलाओं के लिए वरदान सिद्ध होगा जीएम फसलों के उत्पादन बढ़ाया जा सकता है वैज्ञानिक शोध पर आधारित विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि विकासशील देशों में जीएम तकनीक से प्रायः सभी फसलों का उत्पादन 25% बढ़ाया जा सकता है चीन के किसानों ने 1997 से बीटी कपास हुआ कर कपास उत्पादन लागत को 8% कम किया है दुनिया में एक तिहाई सिंचित क्षेत्र सिर्फ इस लिए खेती के लिए अनुपयुक्त हो गया है क्योंकि वहां की जमीन छारीय हो चुकी है ऐसी जमीन पर जीएम फसलों को उगाया जा सकता है यह फसलें सूखे को भी काफी हद तक सहन करने के योग्य होती हैं सबसे बड़ी बात है कि हम जीएम फसलों को पूर्णता कृतिम वातावरण में उगने लायक बना सकते हैं

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